GST 2.0 सुधार और दूध की कीमतों पर असर
22 सितंबर 2025 से भारत में नई GST कट नीति ने कई रोज़मर्रा की वस्तुओं की कर दरों में बड़ा बदलाव किया। विशेष रूप से आवश्यक खाद्य पदार्थों, जैसे दूध, दही, घी, पनीर आदि को कम कर या पूरी तरह टैक्स‑फ्री कर दिया गया। इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं की जेब पर दबाव कम करना और किसानों को बेहतर मूल्य देना था।
नयी कर संरचना के तहत यूएचटी (UHT) दूध, चपाती, पराठा और परोत्ता अब शून्य टैक्स के तहत आते हैं। इससे प्री‑पैक्ड दूध की कीमत में लगभग 20‑25% की गिरावट की संभावना है। वहीं घी, पनीर, बटर और विभिन्न चीज़ों को पहले के 12‑18% से घटाकर सिर्फ 5% कर दर पर लाया गया है। इससे निर्माताओं को संभावित रूप से कीमत घटाने की अनुमति मिली है, क्योंकि कर का बोझ कम हो गया है।

अमूल और मदर डैरी के विस्तृत प्राइस लिस्ट
अमूल के मुख्यधारा के उत्पादक गुजरा क़ोऑपरेटिव मिल मार्केटिंग फ़ेडरेशन (GCMMF) ने बताया कि उन्होंने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतें घटा दी हैं। यह कदम 36 लाख किसान‑सदस्यों की आय को सीधे बढ़ाने की दिशा में है। प्रमुख कटौती के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:
- घी – प्रति लीटर अब 40 रुपये कम, नई कीमत लगभग 350 ₹/L
- पीनेट स्प्रेड (900 g) – 325 ₹ से घटकर 300 ₹
- पनीर पराठा (500 g) – 240 ₹ से घटकर 200 ₹
- फ्रेंच फ्राइज़ (1.25 kg) – 215 ₹ से घटकर 200 ₹
- टमाटर कetchup (500 g) – 80 ₹ से घटकर 70 ₹
- दही (घंटा 500 g) – 55 ₹ से घटकर 48 ₹
इन कीमतों का आधिकारिक प्रोसेंसिंग पूरे देश में वितरकों, अमूल पार्लर्स और रिटेल स्टोर्स तक पहुँचाया जा चुका है। उत्पादन लागत में कोई बड़ी बदलाव न होने के कारण, यह कटौती मुख्यतः कर राहत को ग्राहकों तक पहुँचाने की वजह से हुई है।
बाद में मदर डैरी ने भी समान दिशा में कदम बढ़ाया। उनका कहना है कि सभी प्रमुख उत्पादों – जैसे पनीर, फॉर्मेटेड मिल्क, बटर, मीठे दही – की कीमतें 2025‑2026 के वित्तीय वर्ष में 5‑10% तक घटाई गई हैं। उदाहरण के तौर पर, पनीर (200 g) की नई कीमत अब 85 ₹ है, जबकि पहले यह 95 ₹ थी।
इन दोनों दही कंपनियों ने यह भी जोड़ा कि कीमत घटाने से न केवल ग्राहकों को फायद़ा होगा, बल्कि भारतीय किसान‑उत्पादकों को भी अधिक रिवेन्यू मिलेगा। आखिरकार, कम कीमत पर अधिक मात्रा में बिक्री से कुल टर्नओवर बढ़ेगा, जिससे किसान‑संघ को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिलेगा।
GST 2.0 का प्रभाव सिर्फ डेयरी सेक्टर तक सीमित नहीं है। पैकेज्ड फूड जैसे पास्ता, बिस्किट, चॉकलेट, कॉर्नफ़्लेक्स, नमकीन और भुजिया को भी अब केवल 5% कर लागू होगा, जबकि पहले वे 12% या 18% की दर पर थे। सूखे मेवे—बादाम, काजू, पिस्ता, खजूर—को भी 12% से घटाकर 5% कर के तहत लाया गया है। इससे घर‑घर में इन वस्तुओं की खपत बढ़ने की संभावना है।
टेक्नोलॉजी और होम एप्लायंसेज के क्षेत्रों में भी बड़ा बदलाव आया है। वाशिंग मशीन, डिशवॉशर और टीवी जैसी बड़ी वस्तुओं की कर दर 28% से घटकर 18% हो गई है। इससे मध्यम वर्ग की खरीद शक्ति में इज़ाफा होगा। इसी तरह, छोटे मोटरसाइकिल (350 cc तक) और छोटे कारों की कर दर 28% से घट कर 18% की गई है, जिससे वाहन खरीदारों को थोडा राहत मिलेगी।
सेवा क्षेत्र में भी लाभ मिलता है: 7,500 ₹ तक के होटल रेट्स को अब 12% के बजाय 5% कर लगेगा, और इकोनॉमी वर्ग की एअर टिकट पर भी वही दर लागू होगी। यह सब मिलाकर भारतीय उपभोक्ता के जीवन लागत को संतुलित करने की कोशिश है।
अंत में, अमूल ने कहा कि वे गुणवत्ता, किफायतीता और भरोसे को बनाए रखते हुए किसानों की भलाई को प्राथमिकता देंगे। यह स्पष्ट है कि कीमत घटाने से बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे पूरे डेयरी सेक्टर को नई गति मिल सकती है।